Bajrang Punia won bronze medal

Bajrang Punia won bronze medal

Bajrang Punia won bronze medal : बजरंग पुनिया ने जीता ब्रॉन्ज मेडल : भारत को मिला 6 मेडल। भारत के बजरंग पुनिया ने 7अगस्त (आज) को ब्रॉन्ज मेडल की मैच को जितकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है।बजरंग पूनिया ने टोक्यो ओलंपिक में 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।

हालाकि बजरंग पुनिया को कोटरफाइनल में हार हुई थी जिसके कारण वह गोल्ड मेडल से चुके थे, उन्होंने कजाख पहलवान डोलेट नियाजमाकोव को 8-0 से हराया।

बजरंग पुनिया ने यह ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को 6 मेडल दिलवाया है । भारत को अभी तक 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल मिल चुके है।

जानते है बजरंग पुनिया का ओलंपिक तक पहुंचने का सफर

बजरंग पुनिया 8 साल से भारत के लिए पहलवानी करते है। यही वजह है कि उन्हें टोक्यो में भारत के लिए मेडल का दावेदार माना जाता था। रवि दहिया ने जब सिल्वर मेडल जीता तो उसके ऊपर एक दबाव आया की उन्हें भी भारत के लिए एक मेडल जीतना चाहिए

बजरंग पुनिया एक ऐसे रेसलर है जो दबाव में बहुत अच्छा खेलते है इसी कारण की वजह से आज उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है।

बजरंग पुनियाने ने कहा था की अगर वह ओलंपिक में एकभी मेडल जीतते है तो उसका बचपन का सपना पूरा होगा। जो उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर अपने सपने को पूरा किया है।

बजरंग पुनिया अखाड़े में कैसे पहुंचे ?

जब एक शो में पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने यह प्रश्न बजरंग से किया की आप अखाड़े में कैसे आए तभी बजरंग पुनिया ने जवाब में कहा की आपको हरियाणा में घरघर में पहलवान मिल जायेंगे और मेरे पिताजी भी एक पहलवान वही कारण है की में भी अखाड़े में जाने लगा।

बजरंग पुनियाने अखाड़े जानेका सबसे बड़ा कारण बताया की मुझे स्कूल न जाना पड़े इसलिए में अखाड़े पे चला जाता था। पूनिया ने सात साल की उम्र में हरियाणा के झज्जर जिले के कुडन गांव में मिट्टी के अखाड़े में जाना शुरू कर दिया था। उनके पिता भी एक पहलवान थे इसलिए घर में अखाड़े जाने पर कोई रॉकटॉक नहीं होता था।

जब जब बजरंग पुनिया बड़े हुए तब उसको देश के लिए कुछ करने का जुनून सा था, इसलिए 12 साल की उम्र में वे सतपाल पहलवान से कुश्ती सीखने के लिए दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम पहुंचे।

योगेश्वर दत्त का प्रभाव

2012 के लंदन ओलंपिक में योगेश दत्त की सफलता ने उन्हें ओलंपिक पदक जीतने का विश्वास दिलाया। बजरंग पुनिया बाद में योगेश्वर दत्त से मिले और उनके बीच दोस्ती हुई और योगेश्वर दत्त का काफी प्रभाव बजरंग पुनिया के ऊपर पड़ा

बजरंग पुनिया को मिला चुका है खेलरत्न अवॉर्ड

पूनिया ने 2017 और 2019 एशियाई चैंपियनशिप, 2018 एशियाई खेलों और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीते।

ऐसे प्रदर्शन को देखते हुए भारत सरकार ने 2019 में, बजरंग पूनिया को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हाल ही में केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राजीव गांधी खेल पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल पुरस्कार के रूप में नामित करने की घोषणा की है ।

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