India’s hockey team got a medal after 41 years

India’s hockey team got a medal after 41 years

India created history : India’s hockey team got a medal after 41 years : भारत ने रचा इतिहास, 41 साल के बाद भारत की हॉकी टीम को मिला मेडल। भारत ने जर्मनी को 5-4 से हराकर नाम किया ब्रॉन्ज मेडल ।

भारत एक इसी टीम है जिसने हॉकी में सबसे ज्यादा मेडल जीते है ।

अभी तक भारत की हॉकी टीम जीत चुकीं है सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल । भारत ने ओलंपिक में पुरुष हॉकी में सबसे अधिक मेडल जीते हैं। टीम ने 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980 ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीते है । उसी के साथ 1960 में सिल्वर और 1968, 1972 और 2021 (टोक्यो ओलंपिक 2020) में ब्रॉन्ज मेडल भी जीते हैं।

भारत ने लास्ट 1980 में वासुदेव भास्कर के (कप्तान) नेतृत्व अधीन ओलंपिक में (मॉस्को) गोल्ड मेडल जीता था । 41 साल बाद भारत ने मनप्रीत सिंह की कप्तानी ने बदौलत भारत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है।

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने यह मेडल जीतने के साथ भारत के सभी चाहको का दिल जीत लिया है । भारतीय पुरुष हॉकी टीम की यह कामयाबी देखते भारत ने नरेंद्र मोदी सहित भारत के खेल मंत्री और कई एक्टर ने सुभेच्छा दी है।

पहले क्वार्टर में जर्मन टीम था दब दबा ।

पहले क्वार्टर में जर्मनी का दबदबा रहा। उन्होंने आक्रामक तरीके से खेलके भारत को एक चुनौती दे थी मैच के पहले मिनट में ही जर्मनी की टीम ने गोल कर 0-1 से भारत को पीछे छोड़ा था ।

पहले क्वार्टर की समाप्ति से ठीक पहले उन्हें पेनल्टी कार्नर का मोका मिला था भारत ने शानदार बचाव करते हुए जर्मनी की बढ़त 0-1 से बरकरार रखी।

दूसरे क्वार्टर में टीम इंडिया ने दिया जर्मनी को मुंह तोड़ जवाब ।

दूसरे क्वार्टर में टीम इंडिया ने जल्दी वापसी की और सिमरनजीत सिंह ने 17वें मिनट में गोल कर स्कोर 1-1 से बराबर कर लिया। दूसरे क्वाटर में भी जर्मनी ने बराबरी का सामना किया ।

इसके बाद दूसरा गोल जर्मनी के वैलेन ने किया और टीम 1-2 से आगे हो गई। इसके बाद 25वें मिनट में अंतर ने 25वें मिनट में स्कोर 1-3 कर दिया।

फिर भारत के हार्दिक सिंह ने 27वें मिनट में और हरमनप्रीत सिंह ने 29वें मिनट में गोल करके 3-3 से बढ़त बनाई। हाफटाइम तक स्कोर वही रहा।

तीसरे क्वाटर में दूसरी बार किया जर्मनी पे प्रहार ।

रवींद्र पाले ने 31वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर गोल कर भारत को 4-3 की बढ़त दिलाई। इसके ठीक 3 मिनट बाद सिमरनजीत सिंह ने 5-3 से स्कोर किया। फिर जर्मनी ने एक गोल किया फिर स्कोर 5-4 हुआ । इसी के साथ गेम की समाप्ति हुई और भारत ने अपने नाम ब्रॉन्ज मेडल किया ।

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